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शिव भक्तों के लिए शिवरात्रि एक बड़ा पर्व है, यूं तो हर महीने कृष्ण पक्ष
की चतुर्दशी को शिवरात्रि होती है, लेकिन फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की
शिवरात्रि का विशेष महत्व है। इसलिए इसे मात्र शिवरात्रि ना कहकर
‘महाशिवरात्रि’ कहा जाता है। इस वर्ष महाशिवरात्रि 7 मार्च, 2016 को है।
महाशिवरात्रि को किसी भी अन्य पर्व, व्रत एवं विधान से बढ़कर माना गया है।
ऐसा कहा जाता है कि सभी अन्य पर्व मिल्कर भी महाशिवरात्रि की तुलना में कम
ही हैं। यह पर्व सबसे बड़ा है एवं इस दिन किए गए व्रत एवं धार्मिक क
ार्य
जरूर सफल होते हैं। व्रती को दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा
सबको मिलाकर पंचामृत से शिव स्नान कराकर जल से अभिषेक करना चाहिए। चारों
प्रहर के पूजन में शिव पंचाक्षर “ॐ नम: शिवाय” मंत्र का जाप करें। भव,
शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्ग्र, महान, भीम और ईशान, इन आठ नामों से भगवान शिव
को पुष्प अर्पित करें और उनकी आरती उतारकर परिक्रमा करें। यदि आप भगवान
शिव से मन मुताबिक वरदान चाहते हैं तो शिवरात्रि की पूजा के दौरान इस मंत्र
का सही उच्चारण सहित जाप करें – ॐ ऐं ह्रीं शिव गौरीमव ह्रीं ऐं ॐ...घर
में सुख-शांति एवं महिलाएं यदि सौभाग्य के लिए भोले शंकर से वरदान मांगना
चाहती हैं तो भगवान शिव की पूजा करके दुग्ध की धारा से अभिषेक करते हुए इस
मंत्र का उच्चारण करें - ॐ ह्रीं नम: शिवाय ह्रीं ॐ... यदि किसी कन्या की
शादी में देरी हो रही है तो उसे इस शिव मंत्र के साथ माता पार्वती की भी इस
मंत्र से उपासना करनी चाहिए.